जिस दिन भारत का युवा अंग्रेजी का दामन छोड़, संस्कृत और हिन्दी को अपना लेगा और अपना रुख विज्ञान के साथ साथ वेदों की तरफ मोड देगा ना, उस दिन के बाद आने वाले 10 वर्षो मे भारत विश्वगुरु, और महाशक्ति बन जायेगा।
जो विज्ञान आज प्रतिपादित कर रहा हैं, वो यहां पहले ही तर्कों के साथ आजमाया और बनाया जा चुका हैं।
Rutherford का atomic model हो। या फिर Newton के laws of motion.
Darwin की theory of evolution हो। या फिर Einstein की theory of relativity.
सबकुछ यहीं का हैं, यहीं से हैं। हमारे ग्रंथो मे हर राज दफन हैं, और हम दुसरों के गुलाम हुएँ जा रहें हैं।
सच कहते हैं, दियाँ तले ही अन्धेरा होता हैं।
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
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