Thursday, October 18, 2018

जज्बात-ए-दिल

ना बात गीता की हैं,
ना बात कुरान की हैं।

ना मेरे माथे पर सज रहे टिके की,
ना तेरे मस्तक पर सजी टोपी की आन की हैं।

ना बात मन्दिर के भजनो की,
ना बात मस्जिद की अजान की हैं।

ना बात मेरे कर्म की हैं,
ना बात तेरे ईमान की हैं।

ना बात कीसी जात की,
ना ही किसी धर्म की पहचान की हैं।

ना बात कीसी दंगे की,
ना किसी कत्ल-ए-आम की हैं।

मन की बात हैं जो निकली,
यह मेरे देश की आवाम की हैं।

नही चाहता कोई यहाँ,
धर्म और जातियों मे बंट के जीना

सबकी चाहत बस एक राष्ट्र,
एक जात, एक हिनुस्तान की हैं।

बात तो इतनी सी हैं जनाब,
बहुत हो गए हम, हिन्दू ,मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई,
अब तो बात सिर्फ इंसानियत के धर्म,
की पहचान की हैं.....!!!!!

आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi #ayushpancholi #ayuspiritual #hindimerijaan

No comments:

Post a Comment