Thursday, October 18, 2018

कुछ ऐसे ही

खूबसूरती तन की नही, मन की होना चाहिये।
जीवन सफल हो जायेगा, समर्पण मन का होना चाहिये।

तन बिक जाता बाजारों मे, मन निस्छल-पवित्र ही रह्ता हैं।
मन का कोई मोल नही, मन तन से कोमल होता हैं।

जिसका मन सुन्दर,उसका अँग-अँग सुन्दर हैं।
सुन्दर काया के पीछे, कुछ छुपा हुआ आडम्बर हैं।

©ayush_tanharaahi

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