हिन्दू मान्यताओं के अनुसार तथा सनातन धर्म के अनुसार ऐसे 8 व्यक्ति है,जिन्हे अमरत्व प्राप्त हैं, आज उनके बारे मे कुछ लिखने का मन किया तो वही आज यहाँ लिख रहा हूँ।
8 चिरंजीवीयों मे से अश्वत्थामा ही एक मात्र ऐसे योद्धा या यू कहे ऐसे व्यक्ति हैं, जो श्री कृष्ण के दिये गए एक शाप के कारण आज भी जिन्दा हैं।
बाकी 7 वरदान प्राप्त चिरंजीवी हैं।
जिसमे से परशुराम जी साक्षात भगवान विष्णू के ही 10 अवतारों मे से एक हैं।
एक चिरंजीवी हैं महावीर हनुमान जी, जो की भक्ति की परकाष्टा हैं। जिनके बारे सभी बखुबी जानते हैं। जो राम के हैं, राम से हैं। जिनके लिये राम नाम ही सबकुछ हैं, और उन्हे किसी चीज का कोई मोह नही।
"राम मे जो रमे हैं, राम के लिये ही वो जन्मे हैं।
सीता माता से अमरत्व का वरदान हैं पाया।
रोम रोम मे ही जिनके प्रभू श्रीराम का नाम हैं समाया।"
एक हैं राजा बली जिन्हे कभी मृत्यू नही आ सकती, क्युकी जिनके द्वार पाल ही साक्षात तीनो लोको के स्वामी भगवान विष्णू हो वहा मृत्यू आये भी तो कैसे। वैसे इनके बारे मे शास्त्रो मे कुछ और भी तथ्य मौजुद हैं, जो बहुत विस्तृत हैं, जिन्हे यहां शब्दों मे उतार पाना आसान नही हैं।
ऋषी व्यास, महाभारत के रचियता। सप्तऋषीयों मे से एक। जिन्होने अपने तप अपने ज्ञान से अमरत्व को पाया। तथा एक महाकाव्य या यूँ कहे 5 वे वेद की रचना की।
राजा विभिषण, रावण के भ्राता, राम के भक्त, हनुमान के मित्र, भगवान राम से रावण की लंका पर पृथ्वी के अन्त तक राज करने का वरदान पाने वाले एक भक्त। जिन्होने जन्म तो राक्षस कूल मे लिया , पर अपने कर्मो से अपनी भक्ति से तीनो लोको के स्वामी को अपना ही कर्जदार बना लिया।
कृपाचार्य, अर्थात शुक्राचार्य , दैत्यो के गुरु, महादेव के परम भक्त। जिन्होने अपनी भक्ति से महादेव से मृत संजीवनी विद्या प्राप्त की। तथा मृत्यू पर विजय प्राप्त कर हमेशा के लिये अमर हो गये।
ऋषी मार्कण्डेय, महामृत्युंजय मन्त्र की रचना करने वाले ऋषी। जिन्होने सबसे ज्यादा प्रतापी मन्त्र मृत्युन्जय मन्त्र को रच कर महादेव को प्रृसन्न कर मृत्यू पर विजय प्राप्त कर ली।
1- अश्वत्थामा (शापित चिरंजीवी योद्धा)
2- राजा बली ( विष्णू भगवान को अपना द्वार पाल बनाने वाले योद्धा)
3- ऋषी व्यास ( महाभारत के रचियता)
4- परशुराम जी (भगवान विष्णू के पाँचवे अवतार, ब्राह्मण शिरोमाणी)
5- विभिषण ( रावण के भाई, श्रीराम द्वारा अभयदान प्राप्त प्राणी)
6- कृपाचार्य ( राक्षसों के गुरु, महादेव के द्वारा मृत संजीवनी वीद्या प्राप्त करने वाले एक मात्र व्यक्ति)
7- ऋषी मार्कण्डेय ( महा मृत्युन्जय मन्त्र के रचियता, महादेव द्वारा अमरत्व प्राप्त करने वाले ऋषी)
8- हनुमान जी ( महादेव के रुद्र रूप, श्रीराम के परम भक्त, माता सीता से अमरत्व व अष्टसिद्धि व नव निधियों का वरदान प्राप्त करने वाले योद्धा। जिनका मान, सम्मान सब कुछ उनके आराध्य का ही हैं। जिनके लिये राम से बढ़कर ना कुछ हैं, ना था , ना ही रहेगा। )
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
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