Thursday, October 18, 2018

कलयुग केवल नाम अधारा

रामचरित मानस मे एक बहुत ही सुन्दर चौपाई हैं,

"कलियुग केवल नाम अधारा !
सुमिर सुमिर नर उतरहि पारा!!"

यह एक चौपाई ही शायद पूरी रामचरित मानस का सार हैं। कलयुग मे सिर्फ एक आधार हैं, जो कलयुग मे व्यक्ति के जीवन का उद्धार कर सकता हैं, और वो हैं सिर्फ और सिर्फ "राम" का नाम।
राम नाम नही हैं, यह जीवन जीने की एक कला का रूप हैं, एक उदहारण हैं। जिसने राम का चारित्र अपना लिया , उसे फिर कुछ और पाने की जरुरत ही नही रहती।

आयुष पंचोली

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