ब्राह्मण कुल के पिता और राक्षस कुल की माता का वो पुत्र था,
ब्राह्मण के ज्ञान और राक्षसों की युतियों से वो युक्त था।
सर्वज्ञानी, महाभिमानी, शिव का परम भक्त, पर नारायण से विमुख था,
दस आनन,बीस भुजाओ का स्वामी, लंका का ईश, वो रावण था।
शक्ती का जिसकी कोई तोड़ नही था,
ज्ञान में जिसके जैसा कोई और नही था।
शिव ने जिसे खुद अपना परम भक्त माना था,
और जिसने शिव को ही अपना गुरु, अपना इष्ट माना था।
रच दिया था जिसने शिव का प्रिय तान्ड़व स्तोत्र,
देवताओ को भी जिसने अपने के आगे नतमस्तक कराया था।
अन्त समय तक जो जिया अपना शीश उठा कर स्वाभिमान के साथ,
शत्रुता और मित्रता को जिसने पुरे सम्मान के साथ निभाया था।
जो वचन दिया था अपनी माता को जिसने,
उस वचन का मान उम्र भर तक निभाया था।
बहन और मित्र के सम्मान कि रक्षा की खातिर जिसने,
त्रिलोकाधीपती से ही बैर का एक स्वांग रचाया था।
हर लाया था जो परछाई को, स्वयं प्रकृती की,
पर कभी ना जिसने ,उनके सम्मान को घात पहुँचाया था।
सबकुछ गवां दिया जिसने, पर अन्त तक युध्द भूमि मे भी जो ना लडखडाया था,
कितना महान था वो रावण जिसकी शैया को खुद त्रिलोकाधीपती ने सजाया था।
अन्त समय मे जिसके समक्ष सारे ब्रह्मांड के देवता वहाँ उपस्थित थे,
ब्रह्मा, विष्णू, महेश भी जिसके ज्ञान के आगे निरूत्तर थे।
जिसने अपने अन्त का अधिकार सिर्फ राम को दिया,
उसकी नजरो मे कोई नही था ऐसा जिसने जीवन राम सा जिया।
राम महान कहलाये वो रावण का ही योगदान था,
अरे क्यों बुरा कहते हो उसे, आज के इंसान से बेहतर तो वो रावण महान था।
आज रावण भी अपने आप पर गर्व करता होगा,
आज के युग हैवानो को देखकर वो भी मुस्कान भरता होगा।
राम से ही वो खड़े खड़े सवाल करता होगा,
मेरा तो अन्त कर दिया राम आपने, अब कलयुग मे राम कहाँ से लाओगे।
वहाँ तो मैं अकेला था, फिर भी अपनी मर्यादा में ही जीया था,
यहां तो असंख्य रावण से भी ज्यादा घातक, मर्यादा के नाशक , हर घर मे कोई हैवान हैं।
वहां तो फिर भी रावण के अन्त के लिये राम थे,
यहां कोई राम नही हैं, यहां तो हर घर मे हैवान हैं।
बस यही व्यथा हैं राम मेरी, मेरे नाम का यूँ ना अपमान हो,
मैं बुरा था, क्युकी मेरे अंदर गुण राक्षसो के भी थे।
पर आजकल के इन्सानो की निचता का कोई मौल नही हैं,
मेरे नाम को बदनाम ना करो, इन हैवानो को यूँ मेरा नाम देकर।
आज रावण को कोई मार सकें,
इतना आज के राम कि मर्यादा मे जोर नही हैं।
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
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