Sunday, August 4, 2019

🙏🙏🙏🙏🙏

यह बात पुरानी हैं यारों, इसको नया मत कँह देना।
परम्पराओ को अपनी , आधुनिकता मे ना भुला देना।
क्या सत्य हैं छुपा हुआ,इन सारे रीति-रिवाजो मे,
बिना तथ्य के जाने तुम, इनको ढोंग ना कँह देना।

माना की तुम हो पढ़े लिखे, आधुनिक युग की बातें करते हो।
पर भुल क्यो जाते हो, मूल तुम्हारा भी हैं वही,
जिससे तुम भागे फिरते हो।

किसने कहाँ, क्यो कहाँ,
किसने सुना, क्या सुना,
किसने लिखा, क्या लिखा,
किसने पढ़ा, क्या पढ़ा,
किसने समझा, क्या समझा,
किसने जाना, क्या जाना,
जिसकी जैसी सोच थी,
उसने सबको वैसा जाना।

सब तथ्य बदल कर रख डाले,
सब सत्य बदल कर रख डाले,
क्या लिखा हुआ था ग्रंथों मे,
सब ग्रंथों के रूप बदल कर रख डाले।
एक को महान बताना था तो,
दूजे के सब सही नियम ही बदल कर रख डाले।

पढना क्या हैं, सुनना क्या,
लिखना क्या हैं, समझना क्या।
जब तक सत्य को अपने नजरिये से,
तुम परख ना पाओगे।
सत्य छुपा हैं, कहाँ कहां, कैसे समझ यह पाओगे।

क्या गीता की बातों को सिर्फ सुना ही हैं तुमने,
क्या उसके कुछ तथ्यो को जीवन से जोड़कर समझा हैं।
क्या वेदो का सार समझ कर उनको जीना सीख गये,
क्या तुम इन बातों को अपने चरित्र मे चरितार्थ भी कर पायें हो।
फ़िर क्यो कहते हो बंधु तुम, धर्म के पथ पर चलकर ,
धर्म को बदलने आये हो।

क्या अपने अस्तित्व की शाखा का हैं ज्ञान तुम्हे,
क्या अपने गौत्र, प्रवर, शाखा,सूत्र, वेद, का भी हैं ज्ञान तुम्हे।
जब तुम अपनी पहचान, से ही अब तक अन्जान रहे,
कैसे मानले हम, तुम करने निकले हो जन कल्याण ।

समाज हमेशा ही बुरा था, समाज की रीतियाँ भी बुरी हैं,
हर वो कार्य जो होता हैं नीतियों के विरुद्ध वो भी बुरा हैं।
पर धर्म बुरा कभी होता नही, ज्ञान खोटा कभी होता नही,
परम्परायें होती हैं पूँजी अस्तित्व की,
परम्पराओ मे छुपा राज, झुठा कभी होता नही।

हाँ अगर बात हो विश्वास और अंधविश्वास की,
विश्वास के होते हैं आधार बहुत,
मगर अंधविश्वास का कोई आधार होता नही।
हैं कुछ ऐसा जो हैं प्रेरित अंधविश्वास से,
हैं तथ्य पास तुम्हारे की सत्य हो तुम,
तो तुम कर सकते हो विरोध हर उस अन्धविश्वास का,
मगर यह मत भुल जाना, तुम कही उसी अन्धविश्वास मे तो नही जी रहे।
विरोध कर रहे हो जिस बात का, उसी को तुम तो नही जी रहे।
क्योकी बदलाव और विरोध की शुरुवात सदैव होती हैं खुद से।
खुद के अस्तित्व की पहचान होती हैं खुद से।
मगर हमारी परम्पराओ की पहचान होती हैं हमारे मूल से।🙏🙏🙏

©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #mereprashnmerisoch

No comments:

Post a Comment