Friday, August 2, 2019

क्या हैं, यंत्र,तंत्र और मंत्र...!!!!

यंत्र, तंत्र और मंत्र क्या हैं? क्या यह असरदार हैं? और अगर हैं तो किस तरह…!!

यंत्र , तंत्र और मंत्र जिसपर पुरा ब्रह्माण्ड चल रहा हैं। यह एक अकाट्य सत्य हैं, जिसे विज्ञान भी मान चुका हैं। क्योकी विज्ञान बात करता हैं सूत्रो की, और मंत्र कुछ और नही वही सूत्र हैं।
हर शक्ती का एक अलग सूत्र होता हैं, ठीक उसी प्रकार मंत्र होता हैं।
तंत्र एक प्रक्रिया हैं, जिसपर मंत्र का आह्वान होता हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे किसी कार्य को प्रतिपादित करने के लिये जो प्रक्रिया अस्तित्व मे लायी जाती हैं, वही तंत्र हैं। जिसे आम या विज्ञान की भाषा मे process कहते हैं। और उस पर सूत्र apply करते हैं, उसे अमल मे लाने के लिये।
फिर बात आती हैं यंत्र की, यंत्र अर्थात् कोई मशीन। अब अगर विज्ञान के दृष्टिकोण से देखे तो, बिना process , और सूत्र के कोई मशीन नही बन सकती ।
ठीक ऐसा ही यहां भी हैं, बिना तंत्र के , और उस तंत्र पर मंत्र के आह्वान के बिना कोई यंत्र नही बन सकता।
हर चीज की शुरुवात एक मंत्र से ही होती हैं, जिसे विज्ञान सूत्र कहता हैं। हर सिद्धान्त का अलग सूत्र, हर कार्य का अलग सूत्र।
हर प्रोसेस का अलग mechanism और ठीक वैसे ही हर machine का अलग operation.
यही हर जगह होता हैं, यही तो हैं, यंत्र, तंत्र और मंत्र। अब उसका उपयोग किस तरह कहां किया जा रहा हैं, यह निर्भर करता हैं, व्यक्ति की सोच पर। क्योकी अगर कोई चीज कुछ बना सकती हैं, तो वो बहुत कुछ बिगाड़ भी सकती हैं। सबकुछ उसके प्रयोग और उपयोग पर निर्भर करता हैं।
पर इन सब मे एक चीज और हैं, जो सबका मूल हैं। अर्थात् हर जगह सबसे पहले वही चाहिये, वो हैं कर्म। और अगर बात करें यंत्र, तंत्र और मंत्र की तो उसका मूल हैं “”। बिना कर्म के जैसे आप कुछ पा नही सकते, ठीक वैसे ही यंत्र , तंत्र और मंत्र तब तक उपयोगी नही हैं, जब तक “” का प्रयोग नही हैं।
यह एक प्रकार का विज्ञान ही हैं। जिसे समझना बहुत आसान हैं। पर उसके लिये दिमाग खुला रखना जरुरी हैं। लोग यंत्र और तंत्र का नाम सुनकर ही उसे नकरात्मकता से जोड देते हैं। मगर कभी सत्य को जानने की कोशिश नही करते।
और मजे की एक बात तो यह भी हैं, की आपका शरीर भी एक यंत्र ही हैं, जिसका तंत्र आपके हृदय, फेफड़ो, किडनी, और बाकी अंगो का कार्य हैं। और उस कार्य को जो गति देता हैं, वह हवाँ, पानी, भोजन इस यंत्र का मंत्र हैं।
यही हैं, यंत्र, तंत्र और मंत्र का असली मतलब ।
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
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