दिवाली के पाँच दिन के उत्सव का पहला पर्व, या यूँ कहे पन्च दिनी दीपोत्सव का प्रथम दीप उत्सव।
शास्त्रो की बात करे तो आज वही दिन हैं, जिस दिन समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर भगवान धनवंतरी अवतरित हुए थे।
भगवान धनवंतरी को सनातन धर्म मे आयुर्वेद का प्रणेता माना जाता हैं। और हमारे ग्रंथो मे स्पष्ठ लिखा हैं, "पहला सुख निरोगी काया"। अर्थात जब तक व्यक्ति की काया यानी शरीर ही स्वस्थ , निरोगी नही रहेगा तो उसके लिये किसी दुसरे सुख का कोई मतलब नही रह जाता।
इसलिए दीपोत्सव के इस प्रथम दिन "धनतेरस" पर भगवान धनवंतरी की आराधना कर कष्ट रहित, निरोगी काया , और स्वस्थ मन व विचार का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिये।
धन का मतलब सिर्फ पैसो और सम्पत्ति से ही नही होता, आपका शरीर और आपका परिवार ही आपका सबसे बड़ा धन और सुख हैं। अगर यह स्वस्थ, निरोगी, और खुश हैं, तो ही आपका सबकुछ सुरक्षित हैं।
पन्च दिवसीय दीपोत्सव के प्रथम दीप उत्सव की आप सभी को शुभकामनायें।
भगवान धनवंतरी आप पर व आपके सभी रिश्तेदारों पर स्वस्थ, समृद्ध , निरोगी, जीवन का आशीर्वाद सदा बनाये रखे।
दीपोत्सव के प्रथम दिवस पर,
धनवंतरी की कृपा बरसे।
हर घर आंगन रोग मुक्त हो,
अमृत की बुंदे घर घर बरसे।
प्रथम सुख का वरदान मिले,
और जीवन परिवार के संग गुजरे।
इतनी कामना देव आपसे,
रोगो का संहार हो।
हर एक मानव, स्वस्थ हो,
हर घर खुशियों की बौछार हो।
हर घर आज से दीपोत्सव की अद्भूत एक नई शुरुवात हो।
आयुष पंचोली
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