हे भोले, हे शंकर ,
बाघम्बर हे जटाधारी।
हे भोले, हे शंकर,
बाघम्बर हे जटाधारी।
कोई कामना नही है तुझसे,
कोई कामना नही है तुझसे,
हमे तार दो हे त्रिपुरारी।........(हे भोले, हे शंकर ,बाघम्बर हे जटाधारी)
हे कर्ता, हे कारक,
गंगाधर हे डमरूधारी।
हे देवा, महादेव,
मेरे भोलेभंडारी।
हमे तार दो हे त्रिपुरारी।......(हे भोले, हे शंकर ,बाघम्बर हे जटाधारी)
हे दाता, हे विधाता,
करुणाकर हे उद्धारी।
कालान्तक , सन्कादी,
अवधूत मेरे भस्मिधारी।
हमे तार दो हे त्रिपुरारी।.......(हे भोले, हे शंकर ,बाघम्बर हे जटाधारी)
हे ईश्वर, सर्वेश्वर,
रामेश्वर हे ओंकारी।
रुद्र, महारुद्र,
काल के नाशक महाकाल मेरे कपाली।
हमे तार दो हे त्रिपुरारी।........(हे भोले, हे शंकर ,बाघम्बर हे जटाधारी)
हम क्या थे, हम क्या हैं,
तुझसे ही यह रचना हैं।
हम तेरे , हैं द्वारे,
अब सबकी बिगडी बना रे।
अज्ञानी हम सब हैं,
तुझसे अब तक विमुख हैं।
तेरी संरचना तु जाने,
हम तो तेरे दिवाने।
हे तेरी ही महीमा से अनजाने।
हम ढोंगी,हम रोगी,
हम दंभ मे जीते आये,
पाखण्ड हे करते आये।
इन दोषो को हर लो,
हम को स्वीकार अब करलो।
हे भोले, हे शंकर ,
बाघम्बर हे जटाधारी।
हे भोले, हे शंकर,
बाघम्बर हे जटाधारी।
कोई कामना नही है तुझसे,
कोई कामना नही है तुझसे,
हमे तार दो हे त्रिपुरारी।........(हे भोले, हे शंकर ,बाघम्बर हे जटाधारी)
🙏🙏जय श्री महाँकाल🙏🙏
🕉 नमः शिवाय
आयुष पंचोली
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