मोहन ,मदन ,मुरारी,
मुरली मधुर सुना जा।
आ करके ए बिहारी ,
वह तान फिर सुना जा।
जमना के तट पे जाई,
मुरली सुनी थी तेरी।
सुन सुन के धाई सखिया,
कीन्ही पलक ना धेरी।
आ करके ए बिहारी ,
वह तान फिर सुना जा।
मोहन ,मदन ,मुरारी,
मुरली मधुर सुना जा।
वृंदावन की हे गलियाँ,
गोपियों की अटखेलियाँ।
वो ही तो वंशीवट हैं,
जहाँ होता तेरा दरस हैं।
आ करके हे बिहारी ,
वह रास फिर रचा जा।
मोहन ,मदन ,मुरारी,
मुरली मधुर सुना जा।
गोकुल की सुनी गलियाँ,
रस्ता तके हैं तेरा।
तेरी वो प्यारी गैयां,
माँगे हैं तेरी हथेलियाँ।
राह तेरी तांके हैं,
गोकुल की एक एक अंखियाँ।
आ करके हे बिहारी ,
वो बचपना फिर बिता जा ।
मोहन ,मदन ,मुरारी,
मुरली मधुर सुना जा।
आ करके ए बिहारी ,
वह तान फिर सुना जा।
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
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