Thursday, January 17, 2019

महाभारत

"महाभारत"

गणराज की लेखनी मे छुपा,
वेदव्यास की आत्मा मे निहित,
कृष्ण की गीता का सार हैं।

भरत कुल की गौरव गाथा मे,
कुरु पुत्र शान्तनु से उत्पन्न ,
गंगा नन्दन भीष्म की अखंड प्रतिज्ञा का बखान हैं।

सत्यवती के पुत्र विचित्रवीर्य और चित्रांगद की,
असमय मृत्यु पर्यंत।
अम्बिका और अम्बालिका के भरत कुल की रक्षा के लिये,
वेदव्यास को किये गये स्वयं के समर्पण का अद्भूत बखान हैं।

अम्बिका से धृतराष्ट्र और अम्बालिका से उत्पन्न पाण्डु कुल की,
आपसी रंजिशो मे धर्म और अधर्म का,
विचित्र युद्ध परिणाम हैं।

धृतराष्ट्र के गांधारी द्वारा उत्पन्न सौ पुत्रों का,
पाण्डु का कुन्ती को मिले वरदान और कुन्ती के माद्री को दिये ज्ञान से
उत्पन्न पांच पाण्डवो की,
वीरता और पराक्रम का बखान हैं।

द्रोणाचार्य की हैं शिक्षा,
एकलव्य की गुरु दक्षिणा का मान,
सुर्य पुत्र कर्ण को मिली सबसे उत्तम मुक्ति का सम्मान हैं।

युधिष्टर का हैं धर्म,
भीम का पराक्रम,
अर्जुन की धनुर्विद्या,
नकुल और सहदेव की मातृ भक्ति का बखान हैं।

द्रौपदी का हैं प्रतिशोध,
कुन्ती की विवशता,
शिखंडी को मिला वरदान हैं।

अभिमन्यु का हैं शौर्य,
घटोत्कच का अद्भूत बल,
बर्बरीक को मिला ईश्वर के तुल्य पूजित होने का आशीर्वाद हैं।

शकुनि का हैं कपट,
विदुर की नीति का बखान,
अश्वत्थामा को मिला श्राप हैं।

बब्रुवाहन का हैं बलिदान ,
विश्व के सबसे बड़े युद्ध का बखान,
छल, बल, नीतियों का अद्भूत अक्षौहिणी संज्ञान हैं।

कुरुक्षेत्र की भुमि पर,
सम्पुर्ण विश्व के योद्धाओं को एक साथ मिला,
मुक्ति का अद्भूत गौरव गान हैं।

युद्ध के अंत में जीवित बचें कृतवर्मा, कृपाचार्य तथा अश्वत्थामा तीन कौरवपक्षिय,
और पाँच पाण्डव, सात्यकि तथा श्रीकृष्ण ये सात पाण्डवपक्षिय द्वारा उद्घोषित पंचम वेद महान हैं।

युद्ध हो चाहे धर्म की अधर्म पर विजय के लिये,
या हो खुद की श्रेष्ठता साबित करने के लिये।
बिना छल और नीतियों के विजय सम्भव होती नही,
हर युद्ध मांगता सिर्फ त्याग और बलिदान हैं।
बस यही हैं कथा महाभारत की,
जिसके अन्त मे निहित
नव भारत का उदय काल हैं।🙏


आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual
#sanatandharm

No comments:

Post a Comment