Thursday, January 17, 2019

रामायण

"रामायण"

महादेव के ईष्ट की हैं गाथा।
राम की मर्यादा।
लक्ष्मण का आत्म संयम हैं।

भरत की हैं प्रतिज्ञा।
शत्रुघ्न का पराक्रम।
दसरथ का पुत्र मोह हैं।

कौशल्या की हैं शिक्षा।
सुमित्रा का बलिदान।
कैकयी की छोटी सोच का अन्जाम हैं।

सीता की हैं अग्नि परिक्षा।
उर्मिला का पति व्रत धर्म।
मांडवी का प्रेम। 
श्रुतकीर्ती का अभिवादन हैं।

विश्वामित्र की हैं शिक्षा।
वशिष्ट का आशीर्वाद।
वाल्मिकी की तपस्या हैं।

निशादराज की हैं मित्रता।
केवट का कुल कल्याण। 
अहिल्या का मुक्ति मार्ग हैं।

शबरी की भक्ति की हैं शक्ति।
सुग्रीव का वचन महान।
विभिषण के राजद्रोह का नाम हैं।

हनुमान की हैं निश्छल भक्ति।
अंगद का पराक्रम।
जटायु,जाम्वंत,नल और नील का सेवा धर्म महान हैं।

इन्द्रजीत का हैं विजय गान।
ताडका,सुर्पणखा का उद्धार।
अहिरावण, खर और दुषण का मुक्ति मार्ग हैं।

कुम्भकरण का हैं अद्भूत बल।
अक्षय कुमार विद्रोह।
सुलोचना की पवित्रता का बखान हैं।

मंदोदरी की हैं समझाईश।
बाली का अथाह बल।
रावण के अहं का परिणाम हैं।

रामेश्वरम की हैं स्थापना।
सेतू का निर्माण।
राक्षसों को मिला मोक्ष का वरदान हैं।

ज्ञान अहं को बड़ावा देता,
कोई किसी से बड़ा ना होता।
अति का अन्त सुनिश्चित ही है,
मोह बिछोह का कारण होता।
अहं, दंभ , पाखण्ड से मुक्त जो,
स्त्री, गुरु, मात-पिता, परिवार,अपने कर्म अपने धर्म,
का पालन जो करता , वही पुरुषोत्तम की उपाधि से विभूषित होता।
बस यही, यह कथा हमको सिखाती हैं।
राम की मर्यादा की कहानी,
रावण की अहं गाथा बताती हैं।🙏🙏🙏

आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi

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