Wednesday, March 13, 2019

🙏🙏🙏

डमरू का नाद कहो उसे ,
या कहो शंखनाद तुम।
मुरली की तान कहो,
या कहो आत्मा की पुकार तुम।

जो जाग्रत कर चेतना को,
हरे मन के विकार सभी।
जब प्रज्वलित हो दीप अन्तःशुद्धीकरण का,
तो जानो परमात्मा की हैं पुकार वही।

वह जरिया अपना खोजता हैं,
मनुष्यों मे इंसानो को भी भेजता हैं।
जो मन, वचन, कर्म से शुद्ध रहे,
वही तो दास उसी का हैं।

कंकर मे ही शंकर बसता हैं,
हर किसी मे अंश उसी का हैं।
जो दया धर्म को मान चुका,
पर उपकार पहचान चुका।
बस सार्थक जीवन उसी का हैं।
यह सत्य को जानो तुम,
क्यो बनते हो व्यर्थ मे अभिमानी तुम।

आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual

No comments:

Post a Comment